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India
Another misfit in this so called perfect world.

Monday, November 15, 2010

गुज़ारिश



चलो जिंदगी जरा हौले - हौले गुजार लेते हैं,

रफ़्तार धीमी कर, चंद साँसे बटोर लेते हैं |

महफूज़ पुलिंदे जो ख़्वाबों के छुपा रखे थे,

आज इनके जर्रे - जर्रे का हिसाब लेते हैं |



वक़्त की धूप नजरों को झुका ना पाए,

नाराजगी का नकाब चेहरे से उतार लेते हैं |

चलो कुछ ऐसे अफ़साने बनाये लेते हैं,

एक नज्म मोहब्बत की यूँ गुनगुनाये लेते हैं |


- Gyan

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